ग्लैमर, अभिनय और कामयाबी की मिसाल: बी. सरोजा देवी का चार दशकों तक चला सुपरस्टारडम
मुंबई : लगभग 200 से अधिक फिल्में करनी वाली बी. सरोजा देवी के निधन की खबर से दक्षिण भारतीय सिनेमा में शोक की लहर है। उन्होंने कन्नड़, तेलुगु, तमिल के अलावा हिंदी फिल्मों में भी काम किया। बॉलीवुड में दिलीप कुमार के अलावा जाने-माने अभिनेताओं के साथ अभिनय किया था। सरोजा देवी को कन्नड़ सिनेमा में पहली सुपरस्टार दर्जा भी मिला था। जानिए, इस उम्दा अदाकारा के अभिनय के सफर के बारे में।
अभिनय के लिए परिवार से मिला प्राेत्साहन
बी. सरोजा देवी का जन्म (7 जनवरी 1938) मैसूर राज्य (आज का बेंग्लुरु, कर्नाटक) के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। पिता एक पुलिस ऑफिसर थे और मां गृहिणी। परिवार ने ही सरोजा को डांस सीखने के लिए मोटिवेट किया। फिल्मों में जाने के लिए उन्हें मनाही नहीं थी। सरोजा ने भी क्लासिकल डांसर के तौर पर ट्रेनिंग ली। जब वह 13 साल की थीं तो एक कार्यक्रम में गाना गा रही थीं, तब प्रोड्यूसर कृष्णमूर्ति की नजर उन पर पड़ी। आगे चलकर 17 साल की उम्र में उन्हें कन्नड़ फिल्म ‘महाकवि कालिदास (1955)’ से काम करने का मौका मिला, फिल्म में उन्होंने सपोर्टिंग रोल किया। यह फिल्म हिट हुई और सरोजा को इंडस्ट्री में पहचान मिली।
161 फिल्मों में किया लीड हीरोइन का रोल
आगे चलकर बी. सरोजा देवी ने कई हिट दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम किया। वह 1955 से 1984 के बीच लगभग 29 साल तक लीड हीरोइन के रोल में नजर आईं। लगभग 161 फिल्मों में लीड हीरोइन बनी थीं। वह ऐसा करने वाली अकेली हीरोइन हैं। उन्होंने साउथ के मशहूर एक्टर एनटीआर के साथ भी कई फिल्में कीं। बड़े पर्दे पर इनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। साथ ही एम जी रामचंद्रन, जैमीनी गणेशन जैसे चर्चित दक्षिण भारतीय अभिनेताओं के साथ भी कई फिल्में सरोजा देवी ने कीं।
हिंदी फिल्मों में जाने-माने अभिनेताओं संग किया काम
दक्षिण भारतीय फिल्मों के अलावा सरोजा देवी ने हिंदी फिल्मों में भी उम्दा अभिनय से दर्शकों का दिल जीता था। वह हिंदी फिल्म ‘पैगाम(1959)’ में दिलीप कुमार के साथ नजर आईं। साथ ही राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त, शम्मी कपूर जैसे अभिनेताओं के साथ सरोजा देवी ने हिट फिल्में दी थीं। राज कपूर के साथ भी काम करने का मौका फिल्म ‘नजराना(1961)’ में सरोजा देवी को मिला, मगर डायरेक्टर सी.वी श्रीधर के साथ विवाद के कारण फिल्म से उन्हें रिप्लेस कर दिया गया। बाद में फिल्म में सरोजा देवी जगह वैजयंतीमाला को लिया गया। शादी के बाद भी सरोजा देवी ने फिल्मों में अभिनय जारी रखा, उन्होंने श्री हर्षा से साल 1967 में शादी की, सरोजा देवी के पति पेशे से इंजीनियर थे। साल 2019 में उन्होंने कन्नड़ फिल्म ‘नटसर्वभूमा’ में कैमियो किया, सरोजा देवी के तौर पर ही फिल्म का हिस्सा बनीं।
सरोजा देवी को मिले ये सम्मान
सरोजा देवी ने सिनेमा में जो योगदान दिया, उसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें साल 2008 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। साल 1992 में पद्म भूषण और 1969 पद्म श्री से सम्मानित किया गया। साल 1994 में फिल्मफेयर ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (साउथ) से सम्मानित किया।