India-UK FTA: भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो गया है। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे। इस समझौते पर अब उद्योग जगत के दिग्गजों की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि है भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर ऐतिहासिक हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच कारोबार में कम से कम 20 अरब डॉलर की वृद्धि होगी और अधिक रोजगार सृजन होगा।

विश्व की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने गुरुवार को एक एतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते से सौंदर्य प्रसाधनों और कपड़ों से लेकर व्हिस्की और कारों तक के उत्पादों पर टैरिफ में कटौती होगी। इस समझौते से दोनों देशों के व्यवसायों को अधिक बाजार पहुंच मिलेगा। अग्रवाल ने कहा, "मैं इस ऐतिहासिक समझौते के लिए प्रधानमंत्री मोदी और (ब्रिटेन के) प्रधानमंत्री (कीर) स्टारर्मर को बधाई देता हूं। यह ब्रिटेन और भारत के बीच एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि वे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि यह समझौता तीन वर्षों की बातचीत के बाद हुआ है और इस समझौते तक पहुंचने में काफी मेहनत लगी है। उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा होंगे।" 

अग्रवाल ने आगे कहा, "इससे दोनों देशों के बीच व्यापार में कम से कम 20 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होगी।" अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने पिछले दो दशकों में भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। उन्होंने कहा, "हमने एक बेहतरीन साझेदारी बनाई है, चाहे वह व्यापार हो, निवेश हो या लोगों के बीच संबंध हों।" यह समझौता ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का सबसे बड़ा समझौता है और भारत का किसी यूरोपीय अर्थव्यवस्था के साथ पहला समझौता है, जिसका उद्देश्य  दोनों पक्षों के व्यापार का विस्तार करना है।